4. Februar 2011 von Vyasa 04. Kapitel 04-24 Devanagari Bhagavad Gita 4. Kapitel 24. Vers ब्रह्मार्पणं ब्रह्म हविः ब्रह्माग्नौ ब्रह्मणा हुतम् | ब्रह्मैव तेन गन्तव्यं ब्रह्म कर्म समाधिना || ४ २४ ||