8. Januar 2009 von Vyasa 18. Kapitel 18-51 Devanagari Bhagavad Gita 18. Kapitel 51. Vers बुद्ध्या विशुद्धया युक्तो धृत्यात्मानं नियम्य च | शब्दादीन्विषयांस्त्यक्त्वा रागद्वेषौ व्युदस्य च || १८ ५१ ||