Suche
  • TIPP: Nutze die Suche, um bestimmte Verse zu finden.
  • z. B.: die Eingabe 01-21 bringt dir 1. Kapitel, 21 Vers.
Suche Menü

18-53 Devanagari Bhagavad Gita 18. Kapitel 53. Vers

अहंकारं बलं दर्पं कामं क्रोधं परिग्रहम् |
विमुच्य निर्ममः शान्तो ब्रह्मभूयाय कल्पते || १८ ५३ || अहंकारं बलं दर्पं कामं क्रोधं परिग्रहम् | विमुच्य निर्ममः शान्तो ब्रह्मभूयाय कल्पते || १८ ५३ ||