12. April 2009 von Vyasa 17. Kapitel 17-18 Devanagari Bhagavad Gita 17. Kapitel 18. Vers सत्कारमानपूजार्थं तपो दम्भेन चैव यत् | क्रियते तदिह प्रोक्तं राजसं चलमध्रुवम् || १७ १८ ||