9. Mai 2009 von Vyasa 16. Kapitel 16-22 Devanagari Bhagavad Gita 16. Kapitel 22. Vers एतैर्विमुक्तः कौन्तेय तमोद्वारैस्त्रिभिर्नरः | आचरत्यात्मनः श्रेयस्ततो याति परां गतिम् || १६ २२ ||