5. Juli 2009 von Vyasa 14. Kapitel 14-26 Devanagari Bhagavad Gita 14. Kapitel 26. Vers मां च योऽव्यभिचारेण भक्तियोगेन सेवते | स गुणान्समतीत्यैतान्ब्रह्मभूयाय कल्पते || १४ २६ ||