12. Oktober 2009 von Vyasa 12. Kapitel 12-19 Devanagari Bhagavad Gita 12. Kapitel 19. Vers तुल्यनिन्दास्तुतिर्मौनी संतुष्टो येन केनचित् | अनिकेतः स्थिरमतिर्भक्तिमान्मे प्रियो नरः || १२ १९ ||