12. November 2009 von Vyasa 11. Kapitel 11-49 Devanagari Bhagavad Gita 11. Kapitel 49. Vers मा ते व्यथा मा च विमूढभावो दृष्ट्वा रूपं घोरमीदृङ्ममेदम् | व्यपेतभीः प्रीतमनाः पुनस्त्वं तदेव मे रूपमिदं प्रपश्य || ११ ४९ ||