9. Dezember 2009 von Vyasa 11. Kapitel 11-22 Devanagari Bhagavad Gita 11. Kapitel 22. Vers रुद्रादित्या वसवो ये च साध्या विश्वेऽश्विनौ मरुतश्चोष्मपाश्च | गन्धर्वयक्षासुरसिद्धसङ्घा वीक्षन्ते त्वां विस्मिताश्चैव सर्वे || ११ २२ ||