29. März 2010 von Vyasa 09. Kapitel 09-32 Devanagari Bhagavad Gita 9. Kapitel 32. Vers मां हि पार्थ व्यपाश्रित्य येऽपि स्युः पापयोनयः | स्त्रियो वैश्यास्तथा शूद्रास्तेऽपि यान्ति परां गतिम् || ९ ३२ ||