24. September 2010 von Vyasa 06. Kapitel 06-37 Devanagari Bhagavad Gita 6. Kapitel 37. Vers अर्जुन उवाच | अयतिः श्रद्धयोपेतो योगाच्चलितमानसः | अप्राप्य योगसंसिद्धिं कां गतिं कृष्ण गच्छति || ६ ३७ ||