28. September 2010 von Vyasa 06. Kapitel 06-33 Devanagari Bhagavad Gita 6. Kapitel 33. Vers अर्जुन उवाच | योऽयं योगस्त्वया प्रोक्तः साम्येन मधुसूदन | एतस्याहं न पश्यामि चंचलत्वात्स्थितिं स्थिराम् || ६ ३३ ||