23. April 2011 von Vyasa 03. Kapitel 03-07 Devanagari Bhagavad Gita 3. Kapitel 7. Vers यस्त्विन्द्रियाणि मनसा नियम्यारभतेऽर्जुन | कर्मेन्द्रियैः कर्मयोगमसक्तः स विशिष्यते || ३ ७ ||