11. Juni 2011 von Vyasa 02. Kapitel 02-50 Devanagari Bhagavad Gita 2. Kapitel 50. Vers बुद्धियुक्तो जहातीह उभे सुकृतदुष्कृते | तस्माद्योगाय युज्यस्व योगः कर्मसु कौशलम् || २ ५० ||