23. Januar 2010 von Vyasa 10. Kapitel 10-36 Devanagari Bhagavad Gita 10. Kapitel 36. Vers द्यूतं छलयतामस्मि तेजस्तेजस्विनामहम् | जयोऽस्मि व्यवसायोऽस्मि सत्त्वं सत्त्ववतामहम् || १० ३६ ||