16. September 2010 von Vyasa 06. Kapitel 06-45 Devanagari Bhagavad Gita 6. Kapitel 45. Vers प्रयत्नाद्यतमानस्तु योगी संशुद्धकिल्बिषः | अनेकजन्मसंसिद्धस्ततो याति परां गतिम् || ६ ४५ ||