27. April 2011 von Vyasa 03. Kapitel 03-03 Devanagari Bhagavad Gita 3. Kapitel 3. Vers श्रीभगवानुवाच | लोकेऽस्मिन्द्विविधा निष्ठा पुरा प्रोक्ता मयानघ | ज्ञानयोगेन साङ्ख्यानां कर्मयोगेन योगिनाम् || ३ ३ ||