14. Februar 2011 von Vyasa 04. Kapitel 04-14 Devanagari Bhagavad Gita 4. Kapitel 14. Vers न मां कर्माणि लिम्पन्ति न मे कर्मफले स्पृहा | इति मां योऽभिजानाति कर्मभिर्न स बध्यते || ४ १४ ||