22. Januar 2009 von Vyasa 18. Kapitel 18-37 Devanagari Bhagavad Gita 18. Kapitel 37. Vers यत्तदग्रे विषमिव परिणामेऽमृतोपमम् | तत्सुखं सात्त्विकं प्रोक्तमात्मबुद्धिप्रसादजम् || १८ ३७ ||