14. Juni 2011 von Vyasa 02. Kapitel 02-47 Devanagari Bhagavad Gita 2. Kapitel 47. Vers कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन | मा कर्मफलहेतुर्भूर्मा ते सङ्गोऽस्त्वकर्मणि || २ ४७ ||