16. Februar 2011 von Vyasa 04. Kapitel 04-12 Devanagari Bhagavad Gita 4. Kapitel 12. Vers काङ्क्षन्तः कर्मणां सिद्धिं यजन्त इह देवताः | क्षिप्रं हि मानुषे लोके सिद्धिर्भवति कर्मजा || ४ १२ ||